पशुपालन

पशुओं में जनन क्षमता को लम्बे समय तक बनाये रखना

जनन क्षमता गौ पशुओं में जनन क्षमता (यौवनारम्भ) जन्म से लेकर 24-30 माह गौ पशु में, व भैंस में 30-36 माह मे आ जाती है। जिससे दुधारु पशु के जीवन में ब्यॉत की संख्याओं का मूल्यांकन किया जाता है। जिसे >>>

पशुपालन

कृत्रिम गर्भाधान द्वारा वीर्य को उपयुक्त स्थान पर पहुंचाने संबंधी जानकारी

कृत्रिम गर्भाधान इस विधि में स्वस्थ नर पशु के वीर्य (semen) को कृत्रिम विधि से स्वच्छतापूर्वक एकत्रित करके यन्त्रों की सहायता से मादा जननेन्द्रियों में स्वच्छतापूर्वक ऋतु के उचित समय (Proper time >>>

नियमित ब्यात अधिक उत्पादन
पशुपालन

नियमित ब्यात अधिक उत्पादन

भारत एक कृषि प्रधान देश है, कृषि व पशुपालन एक दूसरे के पूरक है। पशुपालन को लाभदायक बनाने हेतु हमारे पशुपालक भाइयों को चाहिए कि वे अपने पशुओं से अधिक आय प्राप्त करने के लिए नियमित ब्यात अधिक उत्पादन >>>

पशुपालन

गर्भावस्था के दौरान भैंसों की देखभाल और प्रबंधन

पशुपालन व्यवसाय में अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए भैंसों का नियमित अंतराल पर ब्याना आवश्यक है। पशुओं के स्वास्थ्य तथा संतुलित आहार का जन्म से ही समुचित ध्यान रखने से वह कम उम्र में ही गर्भाधारण >>>

पशुपालन समाचार

केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने तैयार की प्रेग्नेंसी जांच किट

केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (सीआइआरबी) के वैज्ञानिको ने एक और बड़ी खोज की है। वैज्ञानिको ने तीन साल में तैयार की पशु में प्रेग्नेंसी जाँच किट, जिससे मात्र 10 रुपये में हो सकेगी पशुओं में गर्भ की >>>

पशुपालन

डेयरी पशुओं में गर्भ की शीघ्र पहचान का महत्व एवं उसकी विधियां

पशुओं में प्राकृतिक अथवा कृत्रिम गर्भाधान के पश्चात गर्भ की शीघ्र पहचान करना आर्थिक दृष्टिकोण से अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। इसमें समय की बचत पर मुख्य रुप से ध्यान दिया जाना चाहिए, अर्थात जितनी जल्दी ह >>>