भेड़-बकरियों में फड़किया रोग (एंटरोटॉक्सिमिया)
यह भेड़ और बकरियों का एक जीवाणु जनित रोग है जो क्लोस्ट्रीडियम परफ्रेंजेंस के कारण होता है। ओवरईटिंग (वयस्कों में) या गुर्दा रोग (मेमनों में) के रूप में भी जाना जाता है। ये बैक्टीरिया सामान्य रूप से >>>
यह भेड़ और बकरियों का एक जीवाणु जनित रोग है जो क्लोस्ट्रीडियम परफ्रेंजेंस के कारण होता है। ओवरईटिंग (वयस्कों में) या गुर्दा रोग (मेमनों में) के रूप में भी जाना जाता है। ये बैक्टीरिया सामान्य रूप से >>>
बकरियाँ सामान्यतः एक ब्यात में एक, दो या तीन बच्चे तक देती है। ब्यात के दौरान बकरियों को खास रखरखाव की बहुत आवश्यकता होती है। बकरियों में ब्यात की प्रक्रिया को किडिगं कहते है। बकरियों में ब्यात की >>>
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में बकरी प्रदर्शनी-सह-गोष्ठी का आयोजन हुआ। इस प्रदर्शनी में पटना, मुजफ्फरपुर, शेखपुरा व पटना के आस-पास के क्षेत्रों से लगभग 95 बकरी पलकों ने पंजीकरण कराया। >>>
नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर के अंतर्गत पशु औषधि विभाग, पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय जबलपुर द्वारा संचालित परियोजना ‘‘रिफरेंस लेबोरेटरी फॉर मॉनिटरिंग ऑफ केप्राइन मे >>>
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय और भा.कृ.अ.प. के राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना के संयुक्त तत्वाधान में बकरी पालन से उद्यमिता विकास पर कार्यशाला आयोजित किया गया। दो दिवसीय इस कार्यशाला में >>>
दुधारू पशुओं में अनेक कारणों से बहुत सी बीमारियाँ होती है। सूक्ष्म विषाणु, जीवाणु, फफूंदी, अंत: व ब्रह्मा परजीवी, प्रोटोजोआ, कुपोषण तथा शरीर के अंदर की चयापचय (मेटाबोलिज्म) क्रिया में विकार आदि प्रमुख कारणों में है >>>
बकरियों में विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ होती हैं। बीमारियाँ उत्पन्न होने का कारण कई प्रकार के जीवाणु विषाणु एव कीटाणु होते हैं जो शरीर के अन्दर एवं बाहर विद्यमान रहते हैं। जब बकरी की शारीरिक क्षमता कम हो जाती है तो यही शरीर में प्रवेश कर व्याधियाँ उत्पन्न करते हैं। >>>
बकरी प्लेग यह बकरियों और भेड़ों की एक तीव्र, अत्यधिक संक्रामक बीमारी है, जिसके विशेष लक्षण बुखार, एनोरेक्सिया, लिम्फोपेनिया, इरोसिव स्टामाटाइटिस, दस्त, मुख-नाक स्त्राव और श्वसन संकट हैं। >>>