By-pass protein and its application in dairy animals
पशुपोषण

बायपास प्रोटीन और डेयरी पशुओं में इसका अनुप्रयोग

बायपास प्रोटीन उच्च उपज देने वाले पशुओं की आवश्यकताओं को पूरा करने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, लेकिन बेहतर परिणाम तब प्राप्त किए जा सकते हैं जब आहार प्रोटीन में डिग्रेडेबल प्रोटीन और बाईपास प्रोटीन >>>

जून/ जेठ माह में पशुपालन कार्यों का विवरण
पशुपालन

जून/ जेठ माह में पशुपालन कार्यों का विवरण

जून/ जेठ: पशुओं को लू से बचाएं। पर्याप्त मात्रा में हरा चारा दें। अंत: परजीवी से बचाव हेतु औषधि पान कराएं। खरीफ के चारे मक्का लोबिया की खेत की तैयारी करें। सूखे खेत की चरी न खिलाएं अन्यथा >>>

पशुओं में होनें वाले लंगड़िया रोग एवं उससे बचाव
पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में होनें वाले लंगड़िया रोग एवं उससे बचाव

पशुओं में होनें वाले लंगड़िया रोग को अलग-अलग क्षेत्रों में लगड़ी , सुजवा , जहरवाद आदि नामों से पुकारा जाता है। अंगरेजी में इसे ब्लैक क्वार्टर (BQ) कहते है। यह गाय और भैंसो की छूत की बीामारी है , जो >>>

Cervicitis
पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में गर्भाशय ग्रीवा का शोथ (Cervicitis): कारण एवं निवारण

गाय-भैंसों में गर्भाशय ग्रीवा की सूजन, गर्भाशयशोथ (Cervicitis) के कारण होती है। इसके अतिरिक्त असामान्य प्रसव, गर्भपात, समय से पहले बच्चा देना, कठिन प्रसव या फिटोटोमी के समय, बच्चे की ज्यादा खींचतान >>>

कोविड-19 महामारी के समय में डेरी पशुओं के सामान्य प्रबंधन हेतु महत्वपूर्ण सलाह
पशुपालन

कोविड-19 महामारी के समय में डेरी पशुओं के सामान्य प्रबंधन हेतु महत्वपूर्ण सलाह

सबसे पहले डेरी पशुपालको को यह समझना जरुरी है कि किसी को खांसी, बुखार एवं स्वास लेने में तकलीफ आदि जैसे लक्षण होने पर ही उसे कोरोना का संक्रमण हो यह जरुरी नहीं है, बल्कि यह विषाणु, स्वस्थ दिखने वाले किसी >>>

डेरी पालन

भैंस पालन में बाधक कारक और उनका निवारण

सही भैंस पालन के लिए पशुपालकों को पशु प्रजनन का उचित ज्ञान, पशु स्वास्थ्य देखभाल, संक्रामक रोगों के प्रति सचेत रहना, मद के लक्षणों का सही ज्ञान, समय पर गर्भाधान >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में जेर रुकने की समस्या: कारण एवं समाधान

पशुओं में जेर रुकने की समस्या: ब्याने के 8 से 12 घंटे तक जेर यदि अपने आप नहीं निकलती तभी इसे जेर का रुकना माना जाता है। >>>

पशुपालन

नवजात बछड़े का प्रबंधन

माँ का पहला दूध अर्थात् खीस नवजात बछड़े को दिया जाने वाला सबसे पहला और जरूरी आहार है। खीस का निर्माण माँ के द्वारा बछड़े के जन्म से 3 से 7 दिन बाद तक किया जाता है >>>

पशुओं की बीमारियाँ

डेयरी पशुओं में सिस्टिक ओवेरियन डिजनरेशन

सिस्टिक ओवेरियन डिजनरेशन अंडाशय की वह स्थिति है जिसमें अंडाशय पर एक बड़ा सिस्ट या अप्राकृतिक फॉलिकल बन जाता है। जो लगभग 2.5 सेंटीमीटर या बड़े आकार का तरल पदार्थ से भरा हुआ यह सिस्ट कार्पस लुटियम की >>>

पशुपालन

डेयरी पशुओं में गर्भ की शीघ्र पहचान का महत्व एवं उसकी विधियां

पशुओं में प्राकृतिक अथवा कृत्रिम गर्भाधान के पश्चात गर्भ की शीघ्र पहचान करना आर्थिक दृष्टिकोण से अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। इसमें समय की बचत पर मुख्य रुप से ध्यान दिया जाना चाहिए, अर्थात जितनी जल्दी ह >>>

पशुपालन

पशु पालन में दिखी जीने की राह

भूतपूर्व सैनिक, कैप्टन खुशी राम सुपुत्र श्री रघुनाथ सिंह, गाँव व डाकखाना हरसर, तहसील ज्वाली, ज़िला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश के स्थायी निवासी हैं। पशु पालन के नाम पर उन्होने घर पर एक देसी गाय रखी हुई थी >>>

पशुपालन समाचार

डेयरी के क्रियाशील खाद्य पदार्थो पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

पशुधन उत्पादन तकनीकी विभाग द्वारा डेयरी मूल के क्रियाशील खाद्य पदार्थो पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में >>>

डेरी पालन

कृत्रिम गर्भाधान के नये आयाम

कृत्रिम गर्भाधान में कृत्रिम विधि से नर पशु से वीर्य एकत्रित करके मादा पशु की प्रजनन नली में रखा जाता है। सबसे पहले 1937 में पैलेस डेयरी फॅार्म मैसूर में यह किया गया था, आज पूरे देश में पशुओं में यह >>>

पशुओं में होनें वाले अतिसार (दस्त की बीमारी) एवं उससे बचाव
पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में होनें वाले अतिसार (दस्त की बीमारी) एवं उससे बचाव

अतिसार स्वयं एक बीमारी न होकर अन्य बीमारियों का लक्षण है, जिसमें पशु बार-बार पतला गोबर करता है, निर्वल होता जाता है तथा पशु के शरीर में पानी व प्रमुख तत्वों की कमी हो जाती है। कारण इस रोग के अनेक >>>