पशुपालन

कृत्रिम गर्भाधान की असफलता के कारण एवं समाधान

कृत्रिम गर्भाधान गर्भधारण कराने की वह विधि है जिसके द्वारा परीक्षित सॉडों का वीर्य कृत्रिम योनि द्वारा इकट्ठा कर उनकी जांच कर व तनुकरण की सहायता से वीर्य का आयतन बढ़ाकर( शुक्राणुओं की संख्या को >>>

पशुपालन

पशुओं में निश्कलीकायन एवं सींग काटने के लाभ

प्रस्तावना पशु प्रबंधन पशुपालकों के लिए एक महत्वपूर्ण अभिन्न अंग है, जिसके सही संयोजन से पशुपालक न केवल आर्थिक लाभ को प्राप्त करता है वरण समाज में एक प्रोत्साहन के उदाहरण के रूप में जाना जाता है >>>

पशुओं की बीमारियाँ

कॉन्टेजियस बोवाइन प्लूरोन्यूमोनिया, कारण, उपचार एवं बचाव

इस बीमारी को सीबीपीपी, लंग प्लेग, तथा लंग सिकनेस भी कहते हैं। यह गायों में पाए जाने वाला जीवाणु जनित अत्यंत संक्रामक रोग है। जिसमें फेफड़े व फेफड़ों को घेरे रहने वाली झिल्ली प्लूरा प्रभावित होती है >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में बांझपन के कारण एवं निवारण

बांझ एक ऐसे मादा पशु को कहा जाता है जो बच्चा देने में असमर्थ हो। कोई भी मादा पशु जब परिपक्वता को प्राप्त करती है तो मादा के जनन अंगों से डिंब निकलने की प्रक्रिया प्रारंभ होती है। इसके दौरान मादा पशु >>>

पशुपोषण

पशु आहार में हरे चारे की भूमिका

भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषि एवं पशुपालन एक दूसरे के अभिन्न अंग है। भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन एक महत्वपूर्ण योगदान देता है। इनकी सही व्यवस्था , सार- संज्ञा और खान- पान से ही अधिक >>>

पशुपालन

पशुओं के नवजात बच्चों का प्रबंधन

कुछ नवजात बच्चों में तो जन्म के बाद फेफड़े पूरी तरह से काम नहीं कर पाते हैं और सांस लेने में दिक्कत आती है। ऐसा अधिकतर कठिन प्रसव के बाद होता है। >>>

पशुओं की बीमारियाँ

कीटोसिस दुधारू पशुओं का एक चपापचई रोग

कीटॉसिस पशुओं का एक चपापचई रोग है जिसे ऐसीटोनीमिया भी कहते हैं। जो पशु के ब्याने के बाद कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह में होता है। इस रोग में रक्त में ग्लूकोज की कमी एवं कीटोन बॉडीज की अधिकता तथा >>>

पशुपालन

सर्दिओ में जरा सी लापरवाही पशुओ पर पड़ सकती है भारी

ठण्ड के मौसम में किसान अपने पशुओ की देखभाल में विशेष एहतियात बरते , ताकि पशुओ के दुग्ध उत्पादन पर बदलते मौसम का असर न पड़े। सर्दी के मौसम में यदि पशुओ के रहन सहन और आहार का ठीक प्रकार से प्रबंध नहीं >>>

पशुपालन

फरवरी/ माघ माह में पशुपालन कार्यों का विवरण

फरवरी/ माघ: बाहरी परजीवी से बचाव हेतु दवा से नहलाये या पशु चिकित्सक के परामर्श से इंजेक्शन लगवाएं। गर्मी में आए पशुओं का उचित समय पर कृत्रिम गर्भाधान कराएं। 95% बछिया प्राप्त करने के लिए >>>

पशुपालन समाचार

उद्यमिता मॉडल से पशुपालन, मत्स्यपालन और डेयरी का विकास करें: गिरिराज सिंह

बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के सभागार में आज बिहार राज्य के पशुपालन और मत्स्य संसाधन विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक माननीय केंद्रीय मंत्री, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय भारत सरकार >>>

पशुपालन समाचार

पशुपालन के क्षेत्र में आयेगी क्रांति- डॉ. मिश्रा

पशुओं की नस्ल में सुधार और दुग्ध उत्पादन में अप्रत्याशित वृद्धि से पशुपालकों का आर्थिक सशक्तिकरण होगा। दतिया और आसपास के 17 जिलों के पशुपालक होंगे लाभान्वित। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने दतिया >>>

पशुपालन समाचार

भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त ने हरियाणा के साथ कृषि, पशुपालन, डेयरी क्षेत्र में सहयोग करने के लिए विशेष रुचि दिखाई

भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त श्री बैरी ओ०फ्रेल एओ ने हरियाणा के साथ कृषि, पशुपालन, डेयरी, खेल, कौशल विकास और होटल मैनेजमेंट क्षेत्र में सहयोग करने के लिए विशेष रुचि दिखाई है। भारत में >>>

पशुओं की बीमारियाँ

मादा पशुओं में प्रसव के पहले होने वाला गर्भपात रोग

पशुओं में गर्भावस्था के पूर्ण होने से पहले, जीवित अथवा मृत भ्रूण का मादा शरीर से बाहर निकलना गर्भपात कहलाता है। मादा पशुओ में गर्भपात के तीन प्रमुख कारण होते है- मादा पशुओं को गर्भावस्था के समय लग >>>

पशुओं की बीमारियाँ

मादा पशुओं में योनि का बाहर आना

मादा पशुओं में गर्भकाल के सातवें से नौवें महीने में प्रायः योनि का कुछ भाग उलटकर बाहर आ जाता है। कभी-कभी मादा पशु के अत्यधिक जोर लगाने के कारण प्रसव के बाद भी यह स्थिति दिखाई पड़ती है। कारण: इसके >>>