दुग्ध उत्पादों का मूल्य संवर्धन: अधिक लाभार्जन
दूध एक बहुत ही पौष्टिक खाद्य पदार्थ है। इसके उपभोग से हमें उत्तम गुणवत्ता की प्रोटीन, उर्जादायक वसा तथा हड्डियों के विकास के लिए आवश्यक खनिज लवण जैसे कैल्शियम व फॉसफोरस आदि संतुलित मात्रा में >>>
दूध एक बहुत ही पौष्टिक खाद्य पदार्थ है। इसके उपभोग से हमें उत्तम गुणवत्ता की प्रोटीन, उर्जादायक वसा तथा हड्डियों के विकास के लिए आवश्यक खनिज लवण जैसे कैल्शियम व फॉसफोरस आदि संतुलित मात्रा में >>>
मादा पशुओं में गर्भ निर्धारण का प्रमुख उद्देश्य गाभिन न हो ले पशुओं की जाँच करना तथा उनकों जल्दी से जल्दी सामान्य ऋतु चक्र में लाकर गर्भ धारण करना है। जिससे मादा पशुओं में दो बच्चों के बीच का अन्तर >>>
भारत एक कृषि प्रधान राष्ट्र है। भारत की अर्थव्यवस्था में मुख्य भूमिका निभाने वाला पशुपालन व्यवसाय कृषि का एक महत्तवपूर्ण अंग है। भारत विविधताओं का देश तो है ही जहाँ पर विभिन्न प्रकार के मौसम भी >>>
मादा पशुओं में प्रसव के समय भ्रूण के बाहर निकलने मे अवरोध उत्पन्न हो जाता है। मादा पशु के द्वारा उत्याधिक जोर लगाने पर भी भ्रूण बाहर नही निकलता है। इस अवस्था में भ्रूण के सिर , पैर या शरीर का कुछ >>>
मानव जीवन में दूध की महत्वपूर्ण भूमिका हैं क्योकि “दूध एक सम्पूर्ण आहार है” इसकी प्रतिपूर्ति हेतु गायों और भैसों का स्वस्थ्य होना नितांत आवश्यक हैं। गर्भावस्था के दौरान होने वाली कुछ समस्याएं जैसे >>>
शुष्क काल व पारगर्भित अवधि ऐसी अवधि होती है, जिसमें दुग्ध दोहन बंद करना, शुष्क मादा की देखभाल व ब्याने के बाद दोबारा मादा का दुग्ध दोहन किया जाता है। शुष्क मादा दो दुग्ध काल के बीच गर्भित मादा >>>
दशकों से पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग, हरियाणा ने पशुपालन व्यवसाय से जुड़े लोगों को लाभ पहुचाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं को लागू किया है। समाज व राष्ट्र की सामाजिक व आर्थिक स्थिती सुधारने >>>
स्वच्छ दुग्ध उत्पादन (Clean Milk Production) दूध एक सम्पूर्ण आहार है जिसका जीवनकाल अल्प अवधि का होता है। दूध किसी भी जीव के लिए एक पौष्टिक आहार है। यदि दूध में जीवाणुओं की संख्या ज्यादा होती है >>>
खाद्य पदार्थों की पसंद को प्रभावित करने वाले कारकों में से उनके रंगों का महत्वपूर्ण स्थान है। दूध के संवेदी गुण जैसे कि दिखावट, बनावट, रंग, स्वाद और सुगंध आदि उत्पाद की गुणवत्ता और उपभोक्ता स्वीकृति >>>
सामान्यता एक वयस्क पशु को प्रतिदिन 6 किलो सूखा चारा और 15 से 20 किलो तक हरा चारा खिलाना चाहिए। फलीदार और बिना फलीदार हरे चारे को समान अनुपात में मिलाकर खिलाना चाहिए। हरे चारे की फसल को जब आधी फसल >>>
पशुओं में अनु उत्पादकता एवं कम उत्पादकता के लिए निम्नलिखित कारक मुख्य रूप से जिम्मेदार होते हैं: – संरचनात्मक विकार रोगों के कारण उत्पन्न विकार हार्मोनल विकार पोषण से संबंधित विकार आकस्मिक >>>
दुधारू पशुओं के समुचित प्रजनन प्रबंध के बिना डेयरी व्यवसाय में लाभ कमाना मुश्किल ही नहीं बल्कि असंभव है।डेयरी व्यवसाय मे सफल प्रजनन व्यवस्था का , अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है, पशुशाला में रहने >>>
जनवरी/ पौष माह: पशुओं का शीत अथवा ठंड से समुचित बचाव करें। जैसा कि पिछले अंक में दिसंबर मे पशुपालन कार्यों का विवरण नामक लेख में दिया गया है। 3 माह पूर्व कृत्रिम गर्भाधान कराए गए पशुओं का गर्भ >>>
साइलेज उस पदार्थ को कहते हैं जब अधिक नमी वाले चारे को हवा रहित व् नियंत्रित जगह पर रखा जाता है। साइलेज बनाने के लिए गड्ढे की आवश्यकता होती है जिसे साइलो कहते हैं। >>>