कृत्रिम गर्भाधान: पशुपालको के लिए एक वरदान

5
(551)

रोगरहित नर पशु के उच्चकोटि वीर्य को मादा पशु के प्रजनन अंग में सही समय में सही स्थान पर कृत्रिम गर्भाधान उपकरण की मदद से डालना कृत्रिम गर्भाधान कहलाता है।

कृत्रिम गर्भाधान की आवशयकता

भारत के ग्रामीण इलाकों में सही समय पर कृत्रिम गर्भाधान न होने के कारण पशु गाभिन नहीं हो पाते और जिसके के कारण पशुओ की प्रजनन छमता और ढूध उत्पादन में कमी आ रही है।

और देखें :  भ्रूण हस्तांतरण तकनीक- है क्या?

कृत्रिम गर्भाधान के फायदे

  • उच्चकोटि नस्ल की अगली पीढ़ी प्राप्त की जा सकती है।
  • नर पशुओ की मात्रा को कम किया जा सकता है और बिना नर पशुओ के भी मादा को गार्भित किया जा सकता है।
  • नर के रखरखाव के खर्च एवं श्रम को कम किया जा सकता है।
  • जेनेटिक या अनुवांशिक विभिन्नता एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में दूसरी पीढ़ी में कम हो जाती है।
  • वीर्य को द्रव्य नेत्रजन में हिमीकृत कर लम्बे समय तक रखा जा सकता है।
  • हिमीकृत वीर्य से दूर दूर तक के इलाके में ले जा कर कृत्रिम गर्भाधान किया जा सकता है।
  • सांड की मृत्यु के पश्चात भी संचित वीर्य से इस विधि द्वारा गायों को गर्भित किया जा सकता है।
  • नर एवं मादा पशु के शारीर अनुपात में भिन्नता होने पर भी गर्भाधान किया जा सकता है।
और देखें :  केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने तैयार की प्रेग्नेंसी जांच किट

कृत्रिम गर्भाधान AI

कृत्रिम गर्भाधान की सीमायें

  • कृत्रिम गर्भाधान के लिए प्रशिक्षित तक्नीशियन अथवा पशु चिकित्सक की आवश्यकता होती है तथा उन्हें मादा पशु प्रजनन अंगों की जानकारी होनी चाहिए।
  • इस विधि में विशेष उपकरणों की आवश्यकता होती है।
  • इस विधि में असावधानी बरतने तथा सफाई का विशेष ध्यान ना रखने पर गर्भधारण दर में कमी आ जाती है।
  • इस विधि में यदि पूर्ण सावधानी न बरती जाए तो दूर क्षेत्रों अथवा विदेशों से वीर्य के साथ कई संक्रामक बीमारियों के आने की भी संभावना होती है।

कृत्रिम गर्भाधान के दौरान बरतने वाली सावधानी

  • कुशल एवं दक्ष पशुचिकित्सक से कृत्रिम गर्भाधान करवाएं
  • कृत्रिम गर्भाधान सही समय पर, उच्चकोटि के वीर्य से एवं उचित स्थान पर करवाएं
  • वीर्य का पशुचिकित्सक द्वारा निरीक्षण करवा कर ही कृत्रिम गर्भाधान करना चाहिए
  • पशु गाभिन है या नहीं इसका पाता लगा कर ही कृत्रिम गर्भाधान करवाए
  • कृत्रिम गर्भाधान करने की विधि का नियमानुसार पालन करे
  • पशुओं को कृत्रिम गर्भाधान के पहले एक बार कृमिनाशक एवं किलनी नाशक दवा जरुर दे।
और देखें :  डेयरी पशुओं में प्रजनन क्षमता सुधार के लिए मद के लक्षणों की पहचान भी आवश्यक

निष्कर्ष

देशी पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने के लिए कृत्रिम गर्भाधान एक उपयोगी तकनीक है, लेकिन पशुपालक व पशुओं के हित को ध्यान में रखते हुए इसका सावधानी और कुशल तरीके से उपयोग आवश्यक है।

यह लेख कितना उपयोगी था?

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

औसत रेटिंग 5 ⭐ (551 Review)

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

Authors

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*