भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की गणतंत्र दिवस झांकी ‘किसान गांधी’ ने पहला पुरस्कार जीता

5
(60)

28 जनवरी 2019: भारतीय कृषि अनुंसधान परिषद (ICAR) की गणतंत्र दिवस परेड-2019 में प्रस्तुत झांकी ‘किसान गांधी’ को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीता रमण ने आज नई दिल्ली में आईसीएआर की टीम को पुरस्कार प्रदान किया।

आईसीएआर की झांकी में डेयरी फार्मिंग के महत्व, देसी नस्लों का इस्तेमाल और ग्रामीण समृद्धि के लिए पशुधन आधारित जैविक कृषि दिखाई गई।

आईसीएआर की झांकी ‘किसान गांधी’ में ग्रामीण समुदाय की समृद्धि के लिए कृषि और पशुधन सुधारने के गांधी जी के विजन को दिखाया गया। गांधी जी 1927 में आईसीएआर-राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान केंद्र, बेंगलुरू में डेयरी फार्मिंग पर 15 दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने 1935 में इंदौर में पौध उद्योग संस्थान में खाद तैयार करने की ‘इंदौर पद्धति’ की सराहना की थी।

और देखें :  पशुपालन विभाग हिमाचल को जल्द मिलेगा 434 करोड़ रुपये का बजट

गांधीवादी दर्शन में स्वदेशी नस्लों, जैविक कृषि और बेहतर स्वास्थ्य के लिए बकरी के दूध को प्रोत्साहन शामिल है। गांधी जी के सपनों को साकार करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अथक रूप से भारतीय कृषि को बदलने की दिशा में काम कर रही है ताकि पशुधन सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और अन्नदाता किसानों की आय बढ़ सके। भारत ने अत्याधुनिक विज्ञान और टेक्नालाजी का विकास और उपयोग करके खाद्य आत्मनिर्भरता में सफलता प्राप्त की है और भारत विश्व में दूध और कपास का सबसे बड़ा उत्पादक है।

झांकी में बापू को बकरी और गाय के साथ दिखाया गया है। झांकी में जैविक कृषि, कपास तथा दुग्ध उत्पादन में क्रांति और बेहतर स्वास्थ्य के लिए खाद्य सुरक्षा विश्लेषण को दिखाया गया है। कस्तूरबा गांधी को चरखा चलाते हुए और वर्धा आश्रम की बापू कुटी में पशुओं की देखभाल करते हुए दिखाया गया है। यह आजीविका आधारित सतत और जलवायु परिवर्तनरोधी कृषि का संकेत देती है।

और देखें :  खुरपका मुहंपका रोग (FMD) और ब्रुसेलोसिस के लिए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम

70वें गणतंत्र दिवस परेड में 22 झांकियां थीं जिनमें से 16 झांकी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की और 6 झांकियां विभिन्न केंद्रिय मंत्रालयों और विभागों की थीं। आईसीएआर गणतंत्र दिवस झांकी-2018 का विषय मिश्रित खेती, खुशियों की खेती था।

यह लेख कितना उपयोगी था?

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

औसत रेटिंग 5 ⭐ (60 Review)

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

और देखें :  भारतीय नस्लों के उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि हेतु ब्राज़ील से लिया जा रहा है तकनीकी सहयोग

Author

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*