ग्याभिन गाय-भैंस की देखभाल
जब एक व्यस्क मादा को कामोत्तेजना उपरांत गर्भधारण करवाया जाता है और उसमें उसके बाद कामोत्तेजना के लक्षण दिखायी नहीं देते हैं तो उसे गर्भित माना जाता है। फिर भी गर्भ को सुनिश्चित करने के लिए योग्य >>>
जब एक व्यस्क मादा को कामोत्तेजना उपरांत गर्भधारण करवाया जाता है और उसमें उसके बाद कामोत्तेजना के लक्षण दिखायी नहीं देते हैं तो उसे गर्भित माना जाता है। फिर भी गर्भ को सुनिश्चित करने के लिए योग्य >>>
शुष्क काल व पारगर्भित अवधि ऐसी अवधि होती है, जिसमें दुग्ध दोहन बंद करना, शुष्क मादा की देखभाल व ब्याने के बाद दोबारा मादा का दुग्ध दोहन किया जाता है। शुष्क मादा दो दुग्ध काल के बीच गर्भित मादा >>>
पशुपालकों के लिए गाय/भैंस के ब्याने के बाद (प्रसवोत्तर) 100 दिन की अवधि अत्यंत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इन्हीं दिनों में डेयरी व्यवसाय से होने वाले लाभ का निर्धारण होता है। इन 100 दिनों में पशु >>>
दशकों से पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग, हरियाणा ने पशुपालन व्यवसाय से जुड़े लोगों को लाभ पहुचाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं को लागू किया है। समाज व राष्ट्र की सामाजिक व आर्थिक स्थिती सुधारने >>>
सायनाइड विषाक्तता- यह विषाक्तता, हाइड्रोसानिक एसिड(HCN) तथा साइनोजेनेटिक पौधों जैसे ज्वार, बाजरा, अलसी सूडान घास तथा मक्का आदि को सूखे की स्थिति में खा लेने से उत्पन्न होती है । ऐसे पेड़ >>>
जनवरी/ पौष माह: पशुओं का शीत अथवा ठंड से समुचित बचाव करें। जैसा कि पिछले अंक में दिसंबर मे पशुपालन कार्यों का विवरण नामक लेख में दिया गया है। 3 माह पूर्व कृत्रिम गर्भाधान कराए गए पशुओं का गर्भ >>>
पशुपालन कृषि का एक अभिन्न अंग है जिसे पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने का सबसे आशाजनक क्षेत्र माना जाता है। भारत में, पालतू पशुओं में दुग्ध उत्पादन करने वाले पशुओं का विशेष महत्व रहा है। >>>
कृषि आधारित भारतीय अर्थव्यवस्था में केन्द्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने हेतु अनेक सराहनीय कार्य कर रही है इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से पशु पालक किसान अपनी आय में उल्लेखनीय वृद्धि कर सकता है। >>>
पशु समूह से बीमार पशु को अलग रखकर उसकी चिकित्सा एवं देखभाल करनी चाहिए। इन बीमार पशुओं के लिए अलग से परिचर हो तो अधिक उत्तम होगा अन्यथा की स्थिति में पहले स्वस्थ पशुओं की देखभाल करने के पश्चात बीमार पशु की देखभाल करनी चाहिए। >>>
दिसंबर माह में पशुपालन के महत्वपूर्ण कार्यों का विवरण >>>
पशुपालन से ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त करने हेतु पशुओं का उचित समय पर गाभिन होना अत्यन्त आवश्यक है। पशुपालकों को इसी बात का सर्वाधिक ध्यान रखना चाहिए। >>>
कम समय की गर्भावस्था की जांच डेयरी व्यवसाय के प्रजनन प्रबंध एवं व्यावसायिक लाभ के दृष्टिकोण से अति उत्तम है। कम समय की गर्भावस्था की जांच हेतु कोई परीक्षण उपलब्ध न होने के कारण वैज्ञानिकों का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है। >>>
आज 26 नवंबर को स्वर्गीय डॉ वर्गीज कुरियन का जन्मदिन है। उन्हें मिल्क मैन आफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को हर साल देश भर में “राष्ट्रीय दुग्ध दिवस” (National Milk Day) के रूप में मनाया जाता है। >>>
पशुपालन कृषि का एक अभिन्न अंग है जिसे पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने का सबसे आशाजनक क्षेत्र माना जाता है। माँस, अण्डे, दूध, फर, चमड़ा और ऊन जैसे श्रम और वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए पशुधन को कृषि क्षेत्र के अंतर्गत पाले गये पालतु पशुओं के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। >>>