बहु-आयामी भेड़ पालन
भेड़ पालन में छोटे और सीमांत किसानों और भूमिहीन मजदूरों का बड़ा हिस्सा, मुख्यतः पहाड़ी क्षेत्रों में अपनी आजीविका के लिए लगा हुआ है। यह भारत के कुछ क्षेत्रों के लोगों के पारंपरिक व्यवसाय और व्यापार का मुख्य साधन है >>>
भेड़ पालन में छोटे और सीमांत किसानों और भूमिहीन मजदूरों का बड़ा हिस्सा, मुख्यतः पहाड़ी क्षेत्रों में अपनी आजीविका के लिए लगा हुआ है। यह भारत के कुछ क्षेत्रों के लोगों के पारंपरिक व्यवसाय और व्यापार का मुख्य साधन है >>>
वर्तमान परिदृश्य में बकरी और भेड़ पालन गरीब मजदूर पशुपालकों की आजीविका का एक प्रमुख साधन है। बकरियों को गरीब की गाय भी कहा जाता है। बकरी और भेड़ की संक्रामक बीमारियों में पी.पी.आर. महामारी का प्रकोप >>>
जैसा कि हम जानते हैं कि पूरा देश कोविड-19 महामारी के इस महत्वपूर्ण समय से गुजर रहा है, हमारी परियोजना टीम ने बड़ी संख्या में भूमिहीन, सीमांत और छोटे बकरी किसानों >>>
सामान्य तौर पर बकरी को गरीबों की गाय कहा जाता है। बकरी निर्धन, भूमिहीन एवं सीमांत किसानों के लिए निमित आय का स्रोत है। बकरी पालन किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय है। >>>
बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए कम पूँजी की आवश्यकता होती है इसलिए कोई भी बेरोजगार युवक व किसान इस व्यवसाय को शुरू कर सकता है। >>>
हमारे देश भारत में 20 वी पशुगणना के अनुसार 74.26 मिलीयन भेड़ हैं जो पिछली पशु गणना से 14.1% अधिक है। भेड़ का मनुष्य से संबंध आदिकाल से है तथा भेड़ पालन एक प्राचीन व्यवसाय है। भेड़ पालन से ऊन तथा >>>
भारत में बकरियों की संख्या 13 करोड़ 50 लाख है, जिनसे प्रतिवर्ष लगभग 4600 हज़ार टन दूध उत्पादन होता है जोकि देश के कुल दुग्ध उत्पादन का लगभग 3.5 % है। देश में पाई जाने वाली बकरियों की 20 नस्लों में >> >>>
बकरी पालन रोजगार आज के समय में किसानों, महिलाओं एवं व्यवसायियों के लिए सफल रोजगार साबित हो चुका है। बकरों की मांस की कमी भी कम नहीं होता है। सभी धर्म, जाति, समुदाय के लोग बकरी के पालन, उपयोग एवं इससे जुड़े कार्यों में परहेज नहीं करते हैं। >>>
उत्तराखण्ड जैसे विकासशील राज्य में बकरी पालन में महिलाओं की प्रमुख भूमिका है। बकरियाँ ग्रामीण महिलाओं की सामाजिक और वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में समय से >>>
बकरी पालन व्यवसाय सबसे प्राचीनतम व्यवसायों में से एक है। महात्मा गांधी ने बकरी को गरीब की गाय कहा था इसमें कोई संशय नहीं है। इसे थोड़ी सी पूंजी लगाकर व्यवसाय प्रारंभ किया जा सकता है >>>
हालांकि कृत्रिम गर्भाधान तकनीक का उपयोग गाय तथा भैंस प्रजाति में व्यापक रूप से किया जा रहा है परन्तु बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान का प्रचलन अभी तक कुछ सरकारी >>>
प्राचीन समय से ही बकरी पालन दूध और मांस के लिए किया जाता रहा है। बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसे किसान एवं पशुपालक आसानी से शुरू कर सकते हैं। बकरी को “गरीब >>>
छत्तीसगढ़ के उत्तर बस्तर कांकेर जिले के नरहरपुर तहसील के ग्राम देवरी बालाजी के आत्माराम नेताम सूकर एवं बकरी पालन से आत्मनिर्भर बन चुका है। >>>
बकरी की विभिन्न नस्लों को उनके मुख्य उत्पाद जैसे मांस, दूध, रेशे, खाल आदि के >>>