पशुओं की बीमारियाँ

दुग्ध ज्वर: दुधारू पशुओं की प्रमुख समस्या

दुग्ध ज्वर इन्ही बिमारियों में से एक है जो दुधारू पशुओं को मुख्यतः प्रभावित करती है, यह रोग अन्य कई बिमारियों का ‘प्रवेश द्वार’ भी है। यह रोग पशुओं की दुग्ध उत्पादकता को कम करने के अलावा प्रजनन में भी बाधक बनता है। दुग्ध ज्वर एक मेटाबोलिक या उपापचयी रोग है जिसे अंग्रेजी भाषा में ‘Milk Fever’ और  आम बोल चाल की भाषा में ‘सुन्नपात’ भी कहा जाता है।  >>>

पशुओं की बीमारियाँ

गाय एवं भैंस के नवजात बच्चों की मृत्यु के मुख्य कारण:

अधिकांश नवजात बच्चों की मृत्यु पाचन तंत्र की समस्याओं के कारण होती है तथा इससे कम श्वसन तंत्र की समस्याओं के कारण होती हैं। जन्म के बाद नवजात बच्चों की मृत्यु का प्रमुख कारण पशुपालक द्वारा बच्चे को >>>

पशुओं की बीमारियाँ

डेयरी पशुओं में मध्य मदचक्र अर्थात मिड साइकिल हीट की समस्या का समाधान

पशु को अंतिम बार कृत्रिम गर्भाधान के 10 या 11 दिन पश्चात यदि पशु दोबारा गर्मी में आता है। तो गुदा परीक्षण करने पर गर्भाशय की टोन मध्यम श्रेणी की रहती है और अंडाशय के परीक्षण पर एक या एक से अधिक >>>

पशुओं की बीमारियाँ

डेयरी पशुओं में योनि की सूजन (Vaginitis) कारण, लक्षण एवं उपचार

योनि में सूजन मुख्यतः तीन प्रकार की पाई जाती है : 1. जूविनाइल वेजाइनाइटिस मुख्य रूप से भैंस की ओसर जो प्रीप्यूबर्टल अवस्था में जब अंडाशय के पुटक विकसित होना प्रारंभ होते हैं और स्क्वैमस एपीथिलियम >>>

पशुओं की बीमारियाँ

बछड़ों को पेशाब रुकने अर्थात पेशाब के बंधे से कैसे बचाएं?

सर्दियों के दिनों में अक्सर बछड़ों एवं कटड़ों को पेशाब के रुकने से होने वाली परेशानी बंधे से बचाने के लिए नौसादर का प्रयोग उपयुक्त माना गया है। जैसा कि हम सभी जानते हैं सर्दियों में पेशाब का रुकना >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में पुछकटवा रोग या डेगनाला रोग

दुधारू पशुओं में डेगनाला बीमारी की संभावना नवंबर से फरवरी के बीच अधिक रहती है।पशुओं में कुछ कटवा रोग या डेगनाला रोग मुख्यतः भैंस जाति के पशुओं में होता है । परंतु गोवंश के पशु भी इस संक्रमण के शिकार >>>

पशुओं की बीमारियाँ

भेड़, बकरियों में पी.पी.आर. महामारी के कारण, लक्षण एवं रोकथाम

पेस्ट डेस पेटिटस रूमिनेंट्स (पी.पी.आर.) बकरियों एवं भेड़ों मैं फैलने वाला एक विषाणु जनित संक्रामक एवं अत्यंत ही घातक बीमारी है। इस रोग में सामूहिक रूप से झुंड की भेड़, बकरियों की मृत्यु हो जाती है। >>>

पशुओं की बीमारियाँ

शीत ऋतु/सर्दियों में दुधारू एवं नवजात पशुओं का प्रबंधन

सर्दियों में पशुओं के रहन-सहन और उनके आहार का समुचित प्रबंधन करना नितांत आवश्यक है। यदि पशुओं के रहन-सहन और आहार का उचित प्रबंध इस प्रतिकूल मौसम में नहीं किया जाए तो पशु के स्वास्थ्य एवं दुग्ध >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में होनें वाले बिस्सी रोग (फैष्योलोसिस या लिवर फ्लूक रोग) और उससे बचाव

यह रोग यकृत में पाए जाने वाले फेसियोला प्रजाति के चपटे , पत्ती के आकर के हल्के या गहरे भूरे रंग के पैरासाइट द्वारा होता है। इसकी एक प्रजाति पहाड़ी व पर्वतीय इलाकों में रह रहे पशुओं में पाई जाती है >>>

पशुओं की बीमारियाँ

दुधारू पशुओं में ढेलेदार त्वचा रोग (लंपी स्किन डिसीज) कारण एवं निवारण

लंपी स्किन डिसीज अर्थात एल .एस. डी. गोवंश पशुओं में होने वाला विषाणु जनित अत्यंत संक्रामक रोग है। यह पॉक्स परिवार के विषाणु जिससे अन्य पशुओं में पाक्स अर्थात माता रोग होता है। पहली बार वर्ष 1929 में >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में होने वाली प्रजनन संबंधी समस्याओं तथा उनका प्रबंधन

प्रजनन संबंधी रोग सबसे महत्वपूर्ण समस्याओं में से एक है जो डेयरी गायों के उत्पादन और उत्पादकता को प्रभावित करती है। इनमें से अधिकांश समस्याएं प्रसव के समय और उसके तुरंत बाद उत्पन्न होती हैं। जिसके >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में दुग्ध ज्वर: मिल्क फीवर

दुग्ध ज्वर को प्रसवकालीन ज्वर, दूध का बुखार तथा प्रसवकालीन रक्त मूर्दा के नाम से भी जाना जाता है। इसमें मुख्यतः मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशु प्रजनन को प्रभावित करने वाले संक्रामक रोग

पशुओं के प्रजनन को प्रभावित करने वाले मुख्य संक्रामक कारण जीवाणु विषाणु प्रोटोजोआ एवं कवक जनित हो सकते हैं। जीवाणु जनित कारण निम्नांकित हो सकते हैं: ब्रूसेलोसिस अर्थात संक्रामक गर्भपात कैंपाइल >>>

पशुओं की बीमारियाँ

वन हेल्थ कार्यक्रम के अंतर्गत पशुजन्य (Zoonotic) रोगों के नियंत्रण में पशु चिकित्साविदो का योगदान

पशुजन्य रोग अथवा Zoonosis ऐसे संक्रामक रोग हैं जो विभिन्न प्रजातियों जैसे : पशुओं से मनुष्यों में अथवा मनुष्यों से पशुओं तक संचारित होते हैं I अन्य शब्दों में कहें तो रोगों के विभिन्न कारक जो >>>