डेयरी पशुओं से लाभ उपार्जन हेतु आवश्यक है संतुलित आहार
संतुलित आहार का तात्पर्य ऐसे आहार से है जिसमें पशु की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सभी आवश्यक मौलिक पोषक तत्त्व संतुलित मात्रा में हों। >>>
संतुलित आहार का तात्पर्य ऐसे आहार से है जिसमें पशु की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सभी आवश्यक मौलिक पोषक तत्त्व संतुलित मात्रा में हों। >>>
सामान्यता एक वयस्क पशु को प्रतिदिन 6 किलो सूखा चारा और 15 से 20 किलो तक हरा चारा खिलाना चाहिए। फलीदार और बिना फलीदार हरे चारे को समान अनुपात में मिलाकर खिलाना चाहिए। >>>
आज 26 नवंबर को स्वर्गीय डॉ वर्गीज कुरियन का जन्मदिन है। उन्हें मिल्क मैन आफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को हर साल देश भर में “राष्ट्रीय दुग्ध दिवस” (National Milk Day) के रूप में मनाया जाता है। >>>
ए1 और ए2 दूध क्या है? ए1 बीटा-कैसिन दूध में 67वें स्थान पर हिस्टडीन एमीनो एसिड होता है जबकि ए2 दूध में उस स्थान में प्रोलिन होता है। इन्ही दोनों अणुओं की उपस्थिति या अनुपस्थिति के कारण विश्व व्यापी तर्क-वितर्क चल रहा है। >>>
जैसे की मिल्क फीवर-पशुओं का मिल्क फीवर एक उपापचय सम्बन्धित विकार है। यह रोग सामान्यतः गाय एवं भैसों मे व्याने के दो दिन पहले से लेकर तीन दिन बाद तक होता है। >>>
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है >>>
संभागायुक्त श्री कवीन्द्र कियावत ने भोपाल में दूध की जाँच हेतु 3 दिवसीय विशेष अभियान >>>
उत्तर प्रदेश के पशुधन, मत्स्य एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने आज >>>
उत्तराखण्ड सचिवालय के सभाकक्ष में सहकारिता एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धन सिंह रावत जी >>>
कोविड -19 महामारी से जूझने के बीच लॉकडाउन के तहत देश में भोजन और स्वास्थ्य सेवाओं >>>
डेयरी गायों में थनैला (Mastitis) एक विकट समस्या हैं जो कम उत्पादन के साथ दूध की गुणवत्ता के माध्यम से महत्वपूर्ण आर्थिक नुकसान का कारण है। Mastitis डेयरी पशुओ की बीमारी हैं जो एक सदी से अधिक समय से पहचानी जाती हैं और अभी भी जारी है जो डेयरी उद्योग को आर्थिक नुकसान का एक प्रमुख कारण है। >>>
रोगाणुरोधी प्रतिरोध (Antimicrobial resistance) एक बहुत ही महत्वपूर्ण जनस्वास्थ्य समस्या है होने के साथ-साथ यह महत्वपूर्ण पर्यावरणीय स्वास्थ्य समस्या भी है जिसे आमतौर पर एंटीबायोटिक प्रतिरोध कहा जाता है। और वास्तव में, अब हम जानते हैं कि हमारी कई मानवीय गतिविधियों और इंजीनियर पद्दतियां, रोगाणुरोधी प्रतिरोध के स्तर को बढ़ाने में योगदान कर रही हैं। >>>
खेती के पूरक व्यवसाय में दूध का व्यवसाय प्राचीनकालसेहि पारंपरिक चलता आ रहा महत्त्व का व्यवसाय हैं। दूध व्यवसाय के लिए मुख्य रूप से संकर गायों, देसी गायों , दुधारूं गायों और दुधारूं भैंसो को पाला जाता हैं। दुधारूं पशु पालना एक अच्छी बात है परन्तु स्वच्छ दूध का उत्पादन बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। दूध उत्तम किस्म के प्रोटीन तथा कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत है वही अस्वच्छ दूध कई बीमारियोंका वाहक भी होता है। >>>
थनैला रोग (Mastitis) दुधारू पशुओं को लगने वाला एक रोग है। थनैला रोग से प्रभावित पशुओं को रोग के प्रारंभ में थन गर्म हो जाता हैं तथा उसमें दर्द एवं सूजन हो जाती है। शारीरिक तापमान भी बढ़ जाता हैं। >>>